Thursday 4 July 2013

कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी पंजाब राज्य कमेटी बैठक की रिपोर्ट

15 व 16 अप्रैल को कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी पंजाब की राज्य कमेटी की दो दिवसीय बैठक पार्टी के राज्य मुख्यालय शहीद सरवण सिंह चीमा भवन, गढ़ा जालंधर में साथी बोध सिंह घुम्मण की अध्यक्षता में हुई। बैठक में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय व पंजाब की राजनीतिक स्थिति पर खुलकर विचार-विमर्श किया गया। 
बैठक के आरंभ में, पिछले दिनों कोलकाता मेें पुलिस हिरासत में शहीद हुए विद्यार्थी नेता सुदीप्तो गुप्ता को 2 मिनट मौन धारण करके इन्कलाबी श्रद्धांजलि भेंट की गई तथा घटना की न्यायिक जांच करवाके दोषियों को उचित सजा देने की मांग की गई। 
राज्य कमेटी ने अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर विचार करते हुए पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के समक्ष विश्वव्यापी आर्थिक संकट को नोट करते हुए इसको पूंजीवाद की नीतियों का परिणाम बताया तथा यह तथ्य व्यक्त किया कि पंूंजीवादी व्यवस्था जन्मजात संकट युक्त होने के कारण यह कभी भी स्थाई रूप में संकट मुक्त नहीं रह सकती। ऐसे संकट पहले भी आ चुके हैं तथा इस व्यवस्था में आगे भी आते रहेंगे। पंूजीवादी देशों की सरकारें, लोगों द्वारा प्राप्त की गई रियायतों व सेवाओं तो छीनती जा रही हैं तथा संकट का बोझ आम लोगों पर लाद रही हैं। दूसरी और पूंजीपतियों को बड़ी वित्तीय सहायता व अन्य रियायतें दी जा रही हैं। यह सब कुछ भी इस संकट को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है तथा जन-रोष व संघर्ष जगह जगह उठ रहे हैं। इस संकट पर काबू पाने के लिए साम्राज्यवादी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तरीकों द्वारा अन्य देशों के प्राकृतिक संसाधनों को लूटने की अपनी चालें चलने में व्यस्त हैं। राज्य कमेटी ने यूरोप के देशों की ऐसी स्थिति पर विचार किया। बैठक में वैनजुएला में स्वर्गीय साथी ह्युगो शावेज़ की पार्टी की जीत का स्वागत करते हुए इस बात पर संतोष प्रकट किया कि अमरीकी साम्राज्य के घिनौने मनसूबों को वैनजुएला के लोगों ने एक बार फिर पछाड़ दिया है। उत्तरी कोरिया की स्थिति पर विचार करते हुए राज्य कमेटी ने एक परिपक्कव राय व्यक्त की कि दुनिया भर के लोगों का दुश्मन अमरीकी साम्राज्यवाद उत्तरी कोरिया को निरंतर डराने, धमकाने में लगा हुआ है तथा उत्तरी कोरिया की सरकार का स्टैंड उचित व सैद्धांतिक है। बैठक में अमरीकी साम्राज्यवाद की धौंसवादी पहुंच की सख्त निंदा की गई। 
राष्ट्रीय स्थिति पर विचार करते हुए राज्य कमेटी ने गंभीरता सहित नोट किया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा विदेशी वित्तीय पूंजी (एफडीआई) के प्रवेश के लिए देश की अर्थ व्यवस्था के समस्त दरवाजे तेजी से खोलते जाने के कारण बेरोजगारी का दानव दिनों-दिन अधिक विकराल रूप धारण करता जा रहा है, क्योंकि यह पूंजी नया रोजगार पैदा कम करती है परंतु स्थानीय रोजगार को अधिक क्षति पहुंचाती है। इस तरह इस सरकार द्वारा लोगों की रोजाना इस्तेमाल की गई वस्तुओं को एक एक करके कंट्रोल मुक्त करते जाने तथा मुनाफाखोर देशी व विदेशी लुटेरों को खुली छूट देने से तथा सबसिडियों को घटाते जाने के साथ महंगाई निरंतर बढ़ती जा रही है। परिणामस्वरूप एक ओर मेहनतकश लोगों के वास्तविक वेतनों का तीखा क्षरण हो रहा है तथा दूसरी ओर बेरोजगारी व अद्र्ध-बेरोजगारी के बढ़ते जाने के साथ लोगों की क्रय शक्ति में भारी कटौती हो चुकी है। जिसका देश की अर्थव्यवस्था की गति पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लोगों की निरंतर बढ़ रही इन आर्थिक मुुश्किलों को, देश में व्यापक रूप में फैले हुए भ्रष्टाचार ने और अधिक गंभीर व चिंताजनक बना दिया है। परंतु सत्ताधारी पक्ष इन समस्त बिमारियों के लिए जिम्मेवार, साम्राज्यवाद निर्देशित नवउदारवादी नीतियों को त्यागने की बजाए और अधिक तेजी से लागू करने की दिशा में जुटा हुआ है। 
दूसरी ओर इस सरकार की जनविरोधी नीतियों व भ्रष्ट चरित्र के कारण बढ़े हुआ जन-असंतोष का लाभ लेने के लिए साम्प्रदायिक भाजपा पुन: ताक लगाए बैठी है तथा साम्प्रदायिक नफरत के चिन्ह बन चुके नरेंद्र मोदी का नाम देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में उभारा जा रहा है। भाजपा की इस पहुंच से देश भर में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए तथा समूचे रूप में भाईचारक सद्भाव के लिए नए खतरे पैदा हो गए हैं। पार्टी ने नोट किया है कि इन चिंताजनक स्थितियों का मुकाबला करने के लिए वामपंथी शक्तियों को एकजुट करने के लिए किए जा रहे प्रयत्नों को और अधिक एकजुट व ठोस रूप देने, लोगों के समक्ष सरकार की पूंजीपति पक्षीय नीतियों का वास्तविक विकल्प पेश करने तथा लोगों को संयुक्त जनसंघर्षों के लिए लामबंद करने के अमल को और तीखा करने की जरूरत है तथा देश भर में व्यापक जनउभार पैदा करने के लिए जोरदार उपाय करना आज का मुख्य ऐजंडा बन गया है। 
राज्य कमेटी ने इस तथ्य को भी पूरी गंभीरता से नोट किया कि पंजाब की अकाली-भाजपा सरकार चुनावों के समय लोगों से किए गए वायदे पूरे करने की जगह राजनीतिक लूट-खसूट को तीखा कर रही है तथा लोगों पर नित्य प्रति नए आर्थिक बोझ लादती जा रही है। इस सरकार द्वारा अभी-अभी बिजली की दरों में नावाजिब व भारी बढ़ौत्तरी करके लोगों की जेबों पर 1800 करोड़ रुपए से अधिक का डाका मारा गया है। इसके अतिरिक्त सरकारी अस्पतालों में मिलती सेवाओं की फीसों में कई गुणा बढ़ौत्तरी कर दी है तथा प्रांत में संपत्ति कर लगाया गया है जो कि लोगों की एक बेरहम लूट को रूपमान करता है। अकाली-भाजपा सरकार द्वारा एकदम उठाए गए  इन जनविरोधी कदमों से महंगाई की चक्की में पहले ही पिस रहे लोगों का और कचूमर निकल जाएगा। परंतु बादल सरकार लोगों को कोई राहत देने की जगह चिंतन शिविर का प्रपंच रचते हुए गोवा के समुद्र तटों पर मौज मस्ती करने में व्यस्त है। इसलिए राज्य कमेटी ने यह सारे जन विरोधी निर्णय वापस लेने की सरकार से मांग करते हुए यह भी फैसला किया है कि संपत्ति कर के विरुद्ध समस्त लोगों, शहरियों, दुकानदारों, मजदूरों, कर्मचारियों आदि के संगठनों को साथ लेकर हर कस्बे/शहर में शक्तिशाली जन-प्रतिरोध खड़ा किया जाएगा तथा पहली मई के मजदूरों के अंतरराष्ट्रीय दिवस को जन-संगठनों के साथ मिलकर ‘जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध’ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 
राज्य कमेटी ने आ रहे पंचायत चुनावों, समिति व जिला परिषद चुनावों में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की तथा अफसरशाही की, हल्काबंदी तथा आरक्षण के मामले में सामने आ रही घोर मनमानी की जोरदार ंिनंदा करते हुए मांग की है कि इन चुनावों में हेराफेरियों के लिए रखी गई हर तरह की चोर-मोरियों को फौरी तौर पर बंद किया जाए तथा चुनावों की जनवादी छवि बहाल की जाए। इसलिए यह भी मांग की गई कि इन चुनावों के नामजदगी फार्म आन लाईन भरवाए जाएं ताकि अफसरों द्वारा जोर-जबरदस्ती से फार्म रद्द करने जैसी जनवाद विरोधी हरकतों को रोका जा सके। 
इस स्थिति में, राज्य कमेटी ने यू.पी.ए. की भ्रष्ट केंद्रीय सरकार की जन-विरोधी नवउदारवादी नीतियों के विरुद्ध विशाल जनप्रतिरोध को तेज करने के लिए देश की समूची वाम व जनवादी शक्तियों को एकजुट करने के मौजूदा व्यवहार को भविष्य में और अधिक सार्थक व प्रभावशाली बनाने के लिए जोरदार प्रयत्न करने का अपना फैसला भी दोहराया। 

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