Tuesday, 4 October 2016

एक रिपोर्ट : सफल स्थापना सम्मेलन में रिवोल्यूशनरी माक्र्सिस्ट पार्टी इंडिया का गठन

देश भक्त यादगार कम्पलैक्स जालंधर स्थित विष्णु गणेश पिंगले हाल में 17 सितंबर को सात राज्यों पंजाब, केरल, तामिलनाडु, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा तथा केंद्रीय शासित प्रदेश चंडीगढ़ से 250 के करीब क्रांतिकारी जोश से भरपूर कम्युनिस्ट कार्यकत्र्ता इक_े हुए। देश की स्वतंत्रता प्राप्ति तथा हर तरह के शोषण तथा भेदभाव से समाज को मुक्त करने के लिए संघर्ष करने वाले योद्धाओं को समर्पित इस प्रेरणादायक यादगार में इक_े होने का उद्देश्य था, एक नई वामपंथी पार्टी, रिवोल्यूशनरी माक्र्सिस्ट पार्टी आफ इंडिया (आर.एम.पी.आई.) के स्थापना सम्मेलन में भागीदारी। सबसे पहले सम्मेलन के संयोजक साथी मंगत राम पासला ने सम्मेलन के लिये पहुंचे सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया तथा अध्यक्षता के लिये अध्यक्षमंडल के साथियों के नाम पेश किये। नारों के उद्घोष से स्वीकृति मिलने के बाद सर्वसाथी रघबीर सिंह  (पंजाब), एन.वेणू (केरल), कलिअप्पन गंगाधरन (तामिलनाडू), राजिंदर परांजपे (महाराष्ट्र), तेजिंदर सिंह थिंद (हरियाणा), कुलदीप सिंह (हिमाचल प्रदेश) एवं इद्रजीत सिंह ग्रेवाल (चंडीगढ़) पर आधारित अध्यक्षमंडल ने अपना स्थान ग्रहण किया। उक्त साथियों के अतिरिक्त सम्मेलन के संयोजक मंगत राम पासला तथा केरल के आदरणीय कम्युनिस्ट नेता शहीद टी.पी. चंद्रशेखरन की जीवन सांगिनी कामरेड के.के. रेमा भी मंच पर सुशोभित थीं।
सर्वप्रथम साथी हरकंवल सिंह (पंजाब) ने पार्टी के नाम, रिवोल्यूशनरी माक्र्सिस्ट पार्टी आफ इंडिया तथा झंडे के बारे में प्रस्ताव सदन के सामने रखा, जिसे नारों के जोरदार उद्घोष में सर्वसम्मित से स्वीकार कर लिया गया। इसी तरह नई पार्टी का संविधान भी सर्वसम्मित से पारित हुआ। जबसे संसार में कम्युनिस्ट आंदोलन अस्तित्व में आया है तभी से  यह समानता विरोधी तथा प्रतिक्रियावादी शक्तियों के हमलों का सामना करती रही है। परिणामस्वरूप इस आंदोलन के सैंकड़ों पुत्र-पुत्रियों ने अपने जीवन न्योछावर किये हैंं। इसी शानदार कड़ी का एक चमकता लाल सितारा है, कामरेड टी.पी.चंद्रशेखरन। गम व गुस्से का कारण यह है कि उन्हें शहीद करने वाले गुंडा तत्वों के हाथों में लाल झंडे थे। साथी चंद्रशेखरन ने केरल में रिवोल्यूशनरी माक्र्सिस्ट पार्टी आफ केरला (आर.एम.पी.के.) का गठन किया था। साथी चंद्रशेखरन की प्रेरणामयी याद को अमर बनाने के लिये ही अखिल भारतीय स्तर की पार्टी का गठन करते समय उसका नाम रिवोल्यूशनरी माक्र्सिस्ट पार्टी आफ इंडिया (आर.एम.पी.आई.) रखा गया है तथा यह भी एक गौरवमयी बात है कि कम्युनिस्ट सिद्धांतों को संशोधनवादी पथ पर ले जाने के विरूद्ध संघर्ष में शहादत प्राप्त करने वाले साथी चंद्रशेखरन की जीवन संगिनी के.के. रेमा उनके उद्देश्य की पूर्ति के लिए पल-पल जुटी है। इसीलिये नई अखिल भारतीय पार्टी का नया लाल झंडा कामरेड रेमा द्वारा जोश भरपूर नारों की गूंज में जारी किया गया। इस संदर्भ में अध्यक्षमंडल की ओर से साथी रघुवीर सिंह ने व्यापक तथा गहरे अर्थ भरपूर टिप्पणी करते कहा ‘‘केरल के मेहनतकशों की नायिका आज से समस्त भारत के शोषित अवाम की नायिका के रूप में जानी जायेगी।’’
तामिलनाडु के जुझारू कम्युनिस्ट नेता साथी कलिअप्पन गंगाधरन ने आकाश गूंजाऊ नारों के उद्घोष के बीच नई पार्टी का लाल परचम लहराया। साथी मंगत राम पासला ने नई पार्टी के समक्ष कार्यों, सांगठनिक दिशा निर्देशों तथा सैद्धांतिक स्रोत्रों की ठोस व्याख्या करता राजनीतिक दस्तावेज पेश किया (जिसका मूल पाठ इसी अंक में छापा जा रहा है।) इस दस्तावेज पर केरल की ओर से साथी कुमारनकुट्टी, महाराष्ट्र की ओर से साथी संजय राऊत, तामिलनाडु की ओर से साथी एम.राजगोपाल तथा अन्य द्वारा भाग लिया गया तथा इस दस्तावेज को और अर्थ भरपूर बनाया गया। स्थापना सम्मेलन ने एक प्रस्ताव पारित करके पार्टी को तुरंत भारतीय चुनाव आयोग के पास पंजीकृत करवाने का निर्णय भी लिया।
 इस स्थापना सम्मेलन ने एक 23 सदस्यीय केंद्रीय टीम का चुनाव भी किया जिसमें मंगत राम पासला, हरकंवल सिंह, रघबीर सिंह, गुरनाम सिंह दाऊद (पंजाब), एन. वेणू, टी.एल. संतोष, के.एस. हरिहरन, के.के. रेमा (केरला), के.गंगाधरन, एम.राजागोपाल, सी.चेलासामी, पी.अमावसाए (तामिलनाडू), राजिंदर परांजपे, संजोयत राऊत, रमेश ठाकुर (महाराष्ट्र), तेजिंदर सिंह थिंद, मनदीप रतिया (हरियाणा), इंद्रजीत सिंह ग्रेवाल (चंडीगढ़) एवं सुदर्शन कुमार (हिमाचल प्रदेश) शामिल हैं। चार सीटें  आंध्र प्रदेश, बंगाल एवं दिल्ली के लिए खाली रखी गई हैं। कामरेड मंगत राम पासला को इस कमेटी का महासचिव चुना गया। सम्मेलन स्थल को कम्युनिस्ट आंदोलन के अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय व स्थानीय नेताओं के अतिरिक्त देश में चले सामाजिक आंदोलनों के नायकों व स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के चित्रों से बहुत ही सुरूचिपूर्ण ढंग से सजाया गया था।
अंत में अध्यक्ष मंडल की ओर से साथी रघुबीर सिंह ने सम्मेलन में पहुंचे प्रतिनिधियों नेताओं, बालंटियरों तथा सहयोग देने वालों का धन्यवाद किया।

No comments:

Post a Comment