Friday, 5 May 2017

विशेष रिपोर्ट : रिवोल्यूशनरी माक्र्सिस्ट पार्टी आफ इंडिया (आर.एम.पी.आई.) की केंद्रीय कमेटी की बैठक के निर्णय

भारतीय क्रांतिकारी माक्र्सवादी पार्टी (आर.एम.पी. आई.) की केंद्रीय कमेटी की दूसरी बैठक 27-28 मार्च 2017 को महाराष्ट्र में मुंबई के निकट स्थित एक ‘‘बालंगवाड़ी फार्म’’ नामक रिसोर्ट में  हुई। बैठक में बीमारी के कारण ना आ सकने वाले दो सदस्यों को छोड़ कर बाकी सभी ने शिरकत की। बैठक की अध्यक्षता महाराष्ट्र के साथी राजेंद्र परांजपे ने की।
बैठक के प्रारंभ में अंतर्राष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन के वरिष्ठ नेता कामरेड फीडल कास्ट्रो के देहांत पर दुख प्रकट करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया तथा दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
पार्टी के महासचिव कामरेड़ मंगत राम पासला ने वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय अवस्था पर एक लिखित रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में नोट किया गया है कि अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंदी अभी भी जारी है तथा इसके प्रभाव में ही अमरीका व यूरोप के कई देशों में राजनीतिक क्षेत्र में भी प्रतिक्रियावादी दिशा में तब्दीलियां उभरी हैं, जिनसे विकासशील देशों की मुश्किलों में और बढ़ौत्तरी होगी। यह भी नोट किया गया था कि भारतीय शासक वर्ग व सरकार साम्राज्यवादी लुटेरों की धौंसपूर्ण ज्यादतियों का मुकाबला करने की जगह उनसे सहयोग और अधिक बढ़ा रही है। जिससे हमारे देश के भीतर इस आर्थिक संकट के घातक प्रभाव और अधिक चिंताजनक अवस्थायें पैदा कर सकते हैं। राष्ट्रीय अवस्था में भाजपा सरकार द्वारा सांप्रदायिक आधार पर पैदा किये जा रहे तनाव को नोट करने के साथ-साथ इस सरकार द्वारा आर्थिक क्षेत्र में नोटबंदी जैसे अपनाये गये त्रुटिपूर्ण कदमों की भी छानबीन की गई। यह भी नोट किया गया कि 5 राज्यों के चुनावों के परिणामों के उपरांत मोदी सरकार के फिरकू हमले भी तेज हुए हैं तथा राज्य सरकारों के गठन के संबंध में जम्हूरी मूल्यों की भी घोर अनदेखी की गई है। इसके अतिरिक्त पंजाब, केरल, तामिलनाडु, हरियाणा, महाराष्ट्र व हिमाचल प्रदेश आदि प्रांतों की राजनीतिक अवस्था का विश्लेषण करके फौरी व्यवहारिक कार्य भी सुझाये गये थे।
इस रिपोर्ट पर समस्त उपस्थित सदस्यों ने विचार विमर्श किया तथा कुछ संशोधनों सहित राजनीतिक रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया (अंग्रेजी में यह विस्तृत रिपोर्ट पिछले अंक में अलग से प्रकाशित की गई है)।
 
पार्टी संगठन का निर्माण 27 मार्च को बाद दोपहर सैशन में पार्टी के क्रांतिकारी आधार पर निर्माण से संबंधित बुनियादी कार्यों को चिन्हित किया गया तथा निर्णय किया गया कि पार्टी की सदस्यता व नवीनीकरण का महत्त्वपूर्ण कार्य इस बार, 31 मई तक संपूर्ण कर लिया जायेगा तथा ब्रांच कमेटियों का बाकायदा गठन कर दिया जायेगा। प्रांत आधारित पार्टी सदस्यता का नवीनीकरण किये जाने के बारे में अनुमानित विवरण भी तैयार किये गए।
यह भी निर्णय किया गया कि पार्टी का पहला अखिल भारतीय सम्मेलन 23 से 26 नवंबर 2017 तक चंडीगढ़ में आयोजित किया जाये। इस सम्मेलन से पहले निचले स्तर की कमेटियों के सम्मेलन निम्नलिखित तिथियों के अनुसार संपूर्ण किये जायेंगे।
 
तहिसील/इलाका कमेटियों के सम्मेलन   15 जुलाई तक
जिला सम्मेलन                  31 अगस्त तक
राज्य स्तरीय सम्मेलन              15 अक्तूबर तक
 
इन समस्त सम्मेलनों में विचारे जाने वाले पार्टी प्रोग्राम व राजनीतिक पहुंच से संबंधित रिर्पोटें, पार्टी के हर स्तर पर बनाये जाने वाले सांगठनिक ढांचे तथा पार्टी के संविधान में आवश्यक संशोधन आदि करने के बारे में प्रस्ताव तैयार करने के लिए सर्वसाथी मंगत राम पासला, हरकंवल सिंह, के.एस. हरिहरण, राजेंद्र परांजपे तथा के. गंगाधरन पर आधारित एक पांच सदस्यीय आयोग गठित किया गया, जो कि 29-30 जून 2017 को मुंबई में ही होने वाली केंद्रीय कमेटी की अगली बैठक में आवश्यक दस्तावेज स्वीकृति के लिए पेश करेगा।
निर्णय किया गया कि पार्टी के फंडों के लिये नियमानुसार आवश्यक खाता जालंधर के किसी बैंक में खोला जायेगा, जिसका संचालन साथी मंगत राम पासला, साथी के.एस. हरिहरन तथा साथी गुरनाम सिंह दाऊद करेंगे।
जन लामबंदी
केंद्रीय कमेटी ने निर्णय किया कि इस बार मई दिवस को सारे देश में फिरकू-फाशीवाद के विरोधी दिवस के रूप में मनाया जायेगा।
यह भी निर्णय किया गया कि 21 अप्रैल से 27 अप्रैल 2017 तक के सप्ताह को भिन्न-भिन्न स्थानों पर सैमीनार, सभायें व प्रदर्शन करके धर्म निरपेक्षता, जम्हूरियत तथा राष्ट्रवाद की रक्षा के लिये सप्ताह के रूप में मनाया जायेगा।
जन संगठनों की सरगरमियों को सहयोग व नेतृत्व देने के बारे में भी गंभीरता सहित विचार विमर्श किया गया। ट्रेड यूनियन मोर्चे पर चुनींदा साथियों की एक विशेष बैठक 28 जून 2017 को मुंबई में आयोजित की जायेगी।
 
कुछ प्रस्ताव  
बैठक में स्वीकृत एक प्रस्ताव द्वारा तामिलनाडु के किसानों द्वारा अपनी मांगों के लिये जंतर मंतर नई दिल्ली में लगाये गये निरंतर धरने का समर्थन किया गया।
एक अन्य प्रस्ताव द्वारा गुडग़ांव के मारूति कारखाने के 19 मजदूरों को उम्रकैद की सजा दिये जाने को बहुत ही दुखद करार दिया गया तथा इस निर्णय पर पुर्नविचार किये जाने की भी मांग की गई। बैठक ने केरल में सी.पी.आई.(एम) के कार्यकत्र्ताओं द्वारा उच्चीयम क्षेत्र में आर.एम.पी.आई. के काडरों को, विशेष रूप में  पार्टी के नेता व केंद्रीय कमेटी सदस्य कामरेड एन. वेणु को जान से मार देेने की धमकियों को गंभीरता पूर्ण नोट किया तथा सी.पी.आई.(एम) के केंद्रीय नेतृत्व से मांग की गई कि ऐसे हिंसक हमले रोकने के लिये तुरंत आवश्यक कदम उठाये जायें।
 
जनसभा
28 मार्च को बाद दोपहर बैठक वाले स्थान पर ही एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। इस जनसभा में महाराष्ट्र में सरगर्म पार्टी के लगभग 700-800 कार्यकत्र्ताओं व नेताओं ने शिरकत की। जिनमें औरतों व नौजवानों की शिरकत बहुत ही उत्साहजनक थी। इस जनसभा को स्थानीय नेताओं के अतिरिक्त केंद्रीय कमेटी की ओर से साथी मंगत राम पासला, के. एस. हरिहरन, राजेंद्र परांजपे तथा संजय राऊत ने संबोधित किया।

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