Monday, 8 June 2015

दस्तावेज - हरियाणा की स्थिति

कम्युनिस्ट पार्टी माक्र्सवादी पंजाब-हरियाणा की हरियाणा इकाई का तीसरा डैलीगेट सम्मेलन 26 मार्च 2015 को कामरेड जगमाल सिंह हाल रतिया में संपन्न हुआ। सम्मेलन के समक्ष प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में से कुछ भाग दिया जा रहा है। -संपादकी मंडल
1 नवंबर 1966 को हरियाणा अलग राज्य बना था। हरियाणा एक खुशहाल प्रदेश है क्योंकि हरियाणा में हर तरह की खेती पैदावार की जाती है। हमारा प्रांत तीन राज्यों की सीमाओं से सटा हुआ है। पंजाब राजस्थान, यू.पी.व देश की राजधानी के साथ जुड़ा हुआ है। हरियाणा में पंजाबी, हरियाणवी, व कुछ हिस्से में राजस्थानी भाषा बोली जाती है। हरियाणा में घूंघट प्रथा, दहेज प्रथा का काफी ज्यादा प्रचलन है। सबसे बड़े दुख की बात यह है कि हरियाणा में जो सर्व खाप, गौत्र खाप बनी हैं यह खापें बनी तो इसलिए थीं कि देश की गुलामी के समय राजाओं द्वारा जो लगान वसूला जाता था उसका यह विरोध करती थीं। लेकिन धीरे-धीरे इनका स्वरूप बदलता गया। आज ये खापें इतनी खतरनाक हो चुकी हैं कि पढ़े लिखे लडक़ा लडक़ी अगर कोई अन्र्तजातिय व गौत्र शादी कर लेता है उनके खिलाफ ऐसे फतवे जारी कर दिये जाते हैं जो बहुत ही खतरनाक साबित हो रहे हैं। उनको व उनके परिवार को गांव से बेदखल कर देना या लडक़ा-लडक़ी का कत्ल तक करवा देना। पिछले 3-4 सालों में ऐसे सैंकड़ों केस सामने आये हैं। इन मामलों में न्यायपालिका भी बौनी साबित हुई है। यह हमारी डैमोक्रेसी पर बहुत बड़ा हमला है। हरियाणा दिल्ली के साथ लगने से काफी विकसित भी हुआ है। जिससे कुछ लोग काफी पैसे वाले हो गये परंतु 90 प्रतिशत जनता आज भी गरीबी की दलदल में धंसी हुई है जिसमें गरीबी-अमीरी की खाई लगातार बढ़ रही है। आज गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य जैसे सहूलतों से वंचित है। आज काफी परिवारों में दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल है। अलग राज्य बनने के बाद तीन परिवार की ही सरकारें सत्तासीन रही। इन परिवारों ने अपने घर भरने के सिवा आम लोगों के बारे कुछ नहीं किया। पिछलेे 10 सालों में कांग्रेस ने राज्य की गद्दी पर राज किया। इन सालों में भ्रष्टाचार, लूट-खसूट, डकैती, महिलाओं पर उत्पीडऩ, बलात्कार, दलितों के घरों में आग लगाना, कर्मचारियों, किसानों पर लाठीचार्ज जैसी घटनायें राज्य में कानून-व्यवस्था की पोल खोलती हैं। इसी का लाभ उठाकर भाजपा ने लोगों को अच्छे दिनों का नारा देकर गद्दी हासिल कर ली मगर यह सरकार उससे भी ज्यादा खतरनाक साबित होती जा रही है। लोगों को धर्म, जाति के नाम पर भडक़ाया जा रहा है।  हिंदू कट्टरवाद को बढ़ावा दिये जा रही है। जिसका ताजा उदाहरण है कि शिक्षा का भगवांकरण किया जा रहा और गीता धर्म ग्रंथ शिक्षा सलेबस में लागू किया जा रहा है। भाषणों के सिवा और कोई काम नहीं किया। जनता को जन-धन योजना, गैस सब्सिडी आदि  मुद्दों पर गुमराह किया जा रहा है। पहले बुजुर्ग को घर पर पैंशन मिलती थी अब बैंकों द्वारा दी जानी की बात की जा रही है। ताकि हमारे बुजुर्ग बैंकों में चक्कर काटने पर मजबूर कर दिया जाऐगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सेहत सुविधाओं का बुरा हाल है। राज्य सरकार की प्रशासनिक अकुशलता और अफसरशाही की मनमानी के चलते गरीबों व किसानों को मिलने वाली योजनाओं को भी सही ढंग से लागू नहीं किया जा रहा है। एस.सी.जैड. के नाम पर किसानों की जमीन अधिग्रहण कर बड़े बड़े कारपोरेट घरानों व कम्पनियों को सस्ते रेट पर दी जा रही है। किसानों को भूमिहीन किया जा रहा है। 
हरियाणा पूरे देश में एक स्वस्थ संस्कृति का राज्य माना जाता था। जहां हरियाणा की रागनी, लोकगीत व सांग पूरे देश में मशहूर होते थे। मगर जब से पश्चिम की संस्कृति, मीडिया व टी.वी. चैनलों द्वारा परोसी जा रही है तब से हमारी संस्तृति लुप्त होती जा रही है व युवा दल-दल में धंसता जा रहा है। स्कूल, कालेजों यूनिवर्सिटियों में फैशन प्रतियोगिताएं करवाई जा रही है। यह हमारे लिए चिंता का विषय है। प्रदेश में छोटी-छोटी बच्चिओं के साथ बलात्कार व छेड़ छाड़ के मामले बढ़ते जा रहे हैं। गैंग रेप जैसी शर्मनाक घटनायें आये दिन बढ़ रही हैं जो हमारे लिए चिंता का विषय हैं। पूंजीवादी सरकारों की यह साजिश है कि देश का युवा गलत दिशा में भटकता रहे ताकि अपने रोजगार, शिक्षा, संस्कृति व इन पार्टियों की राजनीति के बारे में जागृत न हो सके। 
भावी कार्यक्रम 
1.  अभी तक पार्टी का हैड आफिस रतिया में चला रहा है, आने वाले समय में जिले का आफिस फतेहाबाद में खोलने पर विचार किया जायेगा। 
2.  देश की सम्प्रभुता और आत्म निर्भरता के आधारों को नष्ट करने वाली साम्राज्यवादी परस्त नीतियों के खिलाफ आर्थिक, सामाजिक व विचारधारात्मक संघर्ष करना। 
3.  आतंकवाद व दौबारा उभर रही शक्तियों के खिलाफ जन अभियान चलाना।
4.  साम्प्रदायिकता, जातिवाद व उन तमाम फूटपरस्त ताकतों के खिलाफ संघर्ष करना जो जनता को विभाजित करके राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा बन रही हैं। 
5.  हरियाणा में वैश्वीकरण का प्रभाव खेती पर पड़ा है जिसमें एस.ई.जैड के तहत बड़ी-बड़ी कम्पनियां व कार्पोरेट घराने किसानों की जमीनें हड़प रहे हैं। इसके लिए किसान-मजदूर को लामबंद करना। 
6.  फसलों की सरकारी खरीद नीति, बिजली व पर्याप्त नहरी पानी व खाद्य वितरण प्रणाली को बचाने के लिए संघर्ष करना। 
7.  शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व अन्य जन कल्याणकारी क्षेत्रों में जन हितों पर हो रहे हमलों के खिलाफ संघर्ष करना। 
8.  रोजगार गारंटी कानून को सुचारू रूप से लागू करना व कम से कम साल में 200 दिन रोजगार व प्रतिदिन मजदूरी 350 रुपए के लिए संघर्ष करना। 
9.  शिक्षा का निजीकरण, व्यापारीकरण व साम्प्रदायिक ताकतों की घुसपैठ पर रोक लगवाने के लिए संघर्ष करना। 
10. महिलाओं के खिलाफ हो रहे तमाम तरह के भेदभाव, उत्पीडऩ, घरेलु हिंसा, दहेज उत्पीडऩ, यौन शोषण के खिलाफ संघर्ष करना व लिंग भेद के खिलाफ संघर्ष करना।
11. अंधविश्वास, छुआछात और तमाम तरह के सामाजिक पिछड़ेपन के खिलाफ अभियान।
12. स्त्री भु्रण हत्या के तेज हो रहे प्रचलन के खिलाफ जन जागरण।
13. बढ़ रही अन्धाधुंध मशीनरीकरण पर रोक लगाने के लिए संघर्ष करना। 
14. श्रम कानूनों व टे्रड यूनियन अधिकारों की बहाली के लिए संघर्ष करना। 
15. बिगड़ रही कानून व्यवस्था व गुंडागर्दी के खिलाफ व हर स्तर पर नागरिक सुरक्षा के लिए जनता को लामबंद करना। 
16. मजदूरों पर हो रहे पुलिस अत्याचारों के खिलाफ संघर्ष करना। 
17. मीडिया के पतनशील सांस्कृतिक मूल्यों के विरोध में प्रगतिशील और स्वस्थ मूल्यों का प्रचार-प्रसार करना। 
18. पार्टी को फतेहाबाद जिले के अलावा दूसरे जिलों में मजबूत करना व जन संगठनों का निर्माण जैसे : देहाती मजदूर सभा, छात्रों, महिलाओं, निर्माण मजदूर व जनवादी स्त्री सभा। 
19. संग्रामी लहर के पर्चे को हिन्दी में करवाने के लिए राज्य कमेटी को लिखित प्रस्ताव भेजना।

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